विद्यार्थियों के अधिगम प्रक्रिया में तकनीकी के योगदान में शैक्षिक संस्थान की भूमिका का अध्ययन
विद्यार्थियों के अधिगम प्रक्रिया में तकनीकी के योगदान में शैक्षिक संस्थान की भूमिका का अध्ययन
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Abstract
वास्तविक रूप में शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसकी सहायता से बालक की जन्मजात शक्तियों या योग्यताओं का स्वाभाविक विकास इस प्रकार होता है कि उनके द्वारान केवल उसकी वैयक्तिकता का ही विकास हो , अपितु वह अपना व समाज का कल्याण करते हुए अपने भौतिक , सामाजिक तथा आध्यात्मिक वातावरण के साथ समायोजन स्थापित कर सके। अतः शिक्षा व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करती हुई उसे सामाजिक विकास की ओर उन्मुख करती है। व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना ही शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है। शिक्षा प्राप्ति का औपचारिक अभिकरण विद्यालय है और विद्यालय का परिवेश बालक के सर्वांगीण विकास में प्रमुख भूमिका निभाता है। विद्यालयी शिक्षा बालक की उच्च शैक्षिक उपलब्धि तथा उसके भविष्य का निर्धारण करती है , परन्तु सभी बालकों की शैक्षिक निष्पति उच्च हो , यह असम्भव है।